मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय

 

मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय

(MINISTRY OF HUMAN RESOURCE AND DEVELOPMENT) C.1. सिव वशक्षा ऄवभयान
(Sarva Shiksha Abhiyaan) ईद्देश्य लाभाथी मुख्य विशेषताएं  प्राथवमक वशक्षा तक सािवभौवमक पहुंच प्रदान करना और वशक्षा से जोडे रखना।  वशक्षा में लैंवगक और सामावजक िगव ऄंतरालों को भरना; और  बच्चों के सीखने के स्तर का संिधवन करना। 6-12 िषव अयु िगव के सभी बच्चे।  नए विद्यालय खोलना, शौचालयों का वनमावण करना (स्िच्छ विद्यालय योजना सभी विद्यालयों में बावलकाओं और बालकों के वलए ऄलग
ऄलग शौचालय), समय समय पर वशक्षक प्रवशक्षण और शैवक्षक संसाधन सहायता अकद सवहत विवभन्न हस्तक्षेप।  SSA के ऄंतगवत ईप कायवक्रम:  'पढे भारत बढे भारत' (PBBB)  राष्ट्रीय ऄविष्कार ऄवभयान (RAA)  विद्यांजली  कस्तूरबा गांधी बावलका विद्यालय शैवक्षक रूप से वपछडे विकासखंडों में बावलकाओं की वशक्षा को बढािा देने के वलए ।  मध्याह्न भोजन योजना अकद। C.2. मध्याहन भोजन योजना (वमड डे मील स्कीम)
(Mid-Day Meal Scheme)
ईद्देश्य
ऄपेवक्षत लाभाथी
मुख्य विशेषताएं
1. बच्चों के नामांकन, ईन्तहें विद्यालय से सम्पबि रखने एिं ईनकी ईपवस्थवत को बढाने के वलए
2. बच्चों में पोषण के स्तर को बढाना ।
 सरकारी एिं सरकारी सहायता प्राप्त प्राथवमक विद्यालय के सभी बच्चे
 यह योजना सरकारी सहायता प्राप्त एिं स्थानीय वनकाय के विद्यालयों, वशक्षा गारंटी स्कीम (EGS) के ऄधीन अने िाले विद्यालयों और िैकवर्लपक एिं ऄवभनि वशक्षा (AIE) केंद्रों के साथ साथ सिव वशक्षा ऄवभयान (SSA) के तहत सहायता पाने िाले मान्तयता प्राप्त एिं गैर मान्तयता प्राप्त मदरसों/मकतबों के वलए भी लागू है।
 न्तयूनतम 200 कदनों के वलए प्रवत कदन न्तयूनतम 300 कैलोरी उजाव एिं 8-12 ग्राम प्रोटीन कदये जाने का प्रािधान है ।
 ईच्च प्राथवमक स्तर के वलए 700 कैलोरी उजाव एिं 20 ग्राम प्रोटीन वनधावररत है ।
 यह एक केंद्र प्रायोवजत योजना है वजसकी लागत पूणवतया केंद्र द्वारा िहन की जाती है।
 अधार वलककग; विद्यालयों एिं अंगनिाडी केन्तद्रों को लाभाथी बच्चों के अधार नंबर संग्रवहत करने के वलए कहा गया है।
 हाल ही में, टीएसअर सुब्र􁳬ण्यम सवमवत ने भी माध्यवमक स्तर के छात्रों तक वमड डे मील स्कीम का विस्तार करने की वसफाररश की है।
C.3. पढे भारत बढे भारत
(Padhe Bharat Badhe Bharat) ईद्देश्य लाभाथी मुख्य विशेषताएं  भाषा विकास में सुधार लाने और गवणत में रुवच पैदा  ऄवधगम वनष्पादन (लर्मनग परफॉरमेंस) में सुधार करने के वलए कक्षा 1 और 2 के  ‘पढे भारत बढे भारत’ के दो घटक हैं: ऄली रीवडग एंड राआटटग विथ कॉवम्पप्रहेंशन(ERWC) और ऄली
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करने पर विशेष ध्यान।  ऄवधगम वनष्पादन (लर्मनग परफॉरमेंस) में सुधार करना। बच्चों पर ध्यान।  नेशनल रीवडग आवनवशएरटि: कक्षा 8 तक मैथमेरटक्स (EM)।  अगे की कारविाइ के रूप में: नेशनल रीवडग आवनवशएरटि को प्राथवमक विद्यालयों में छात्रों के बीच पढने की अदत विकवसत करने और बढािा देने के वलए प्रारंभ ककया गया था, वजससे यह कायवक्रम कक्षा 8 तक विस्ताररत ककया जा सके। C.4. विद्यांजली
(Vidyanjali) ईद्देश्य
लाभाथी मुख्य विशेषताएं  ऐसे पररिेश का सृजन करना, जहां वशक्षा का ईद्देश्य ज्ञान ऄजवन करना और ऄवधगम पररणाम (लर्मनग अईटपुट) में सुधार करना हो।
 सरकारी विद्यालयों, तथा सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों के विद्याथी अकद।  सरकारी विद्यालय में सह--शैवक्षक (co-scholastic) गवतविवधयों को बढािा देने के वलए विवभन्न क्षेत्रों से स्ियंसेिकों को सवम्पमवलत करना।  आसके ऄंतगवत प्रदशवन कलाओं और जीिनोपयोगी कौशलों को भी सवम्पमवलत ककया जाएगा।
C.5. राष्ट्रीय ईच्चतर वशक्षा ऄवभयान (RUSA)
(Rashtriya Uchchatar Shiksha Abhiyan)
ईद्देश्य
ऄपेवक्षत लाभाथी
मुख्य विशेषताएं  राज्य स्तर पर ईच्च वशक्षा के वनयोवजत विकास के माध्यम से ईच्च वशक्षा के क्षेत्र में पहुँच, समता और गुणित्ता में सुधार करना।  राज्यों के योग्य ईच्च वशक्षण संस्थानों को रणनीवतक फंवडग प्रदान करना  राज्य संस्थाओं की समग्र गुणित्ता में सुधार करना  ईच्च वशक्षा या कॉलेज जाने िाले छात्र  राज्य के योग्य ईच्च वशक्षण संस्थान।  सकल नामांकन ऄनुपात को ितवमान 19% से 2020 तक 30% लाने का लक्ष्य  राज्य ईच्च वशक्षा प्रणाली में पररितवनकारी सुधार:
a) मानदंडों एिं मानकों तथा मान्तयता को एक ऄवनिायव गुणित्ता वनधावरण फ्रेमिकव के रूप में ऄपनाना।
b) राज्य विश्वविद्यालयों में स्िायत्तता को बढािा देना और संस्थाओं के शासन में सुधार।
c) संबिता (affiliation), शैक्षवणक और परीक्षा प्रणाली में सुधारों को सुवनवित करना।
d) गुणित्तापूणव वशक्षकों की पयावप्त ईपलब्धता सुवनवित करना। C.6. राष्ट्रीय अविष्कार ऄवभयान
(Rashtriya Avishkar Abhiyan)
ईद्देश्य
ऄपेवक्षत लाभाथी
मुख्य विशेषताएं
 ऄन्तिेषण और तकनीक को बढािा देने के वलए स्कूल अधाररत ज्ञान को बाहरी क्षेत्र से
 6-18 अयु िगव के छात्र
 कक्षा के भीतर एिं बाहर की गवतविवधयाँ
 ऄन्तिेषणा्मक कायवक्रमों, छात्र अदान--प्रदान, छात्र
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जोडना तथा विज्ञान एिं गवणत सीखने की प्रकक्रया को रोचक एिं ऄथवपूणव गवतविवध बनाना।
 वजज्ञासा, प्रयोग एिं सृजना्मकता की भािना विकवसत करना।
 कक्षा से बाहर के पररिेश में विज्ञान, गवणत एिं तकनीक सीखने की क्षमता को बढाना।
 सरकारी स्कूल, केन्तद्रीय विद्यालय, विशेष स्कूल, विशेष रेवनग केंद्र
भ्रमण, प्रदशवनी, अकद के द्वारा विज्ञान एिं गवणत सीखने के प्रवत एक प्राकृवतक भािना का विकास करने हेतु विवभन्न संस्थानों जैसे IITs/ IIMs/ IISERs एिं ऄन्तय केन्तद्रीय विश्वविद्यालयों ि प्रवतवित संगठनों से परामशव प्राप्त करना।
 यह ऄनुच्छेद 51 (A) के ऄंतगवत िर्शणत मूल कतवव्य “िैज्ञावनक दृवष्टकोण और ज्ञानाजवन की भािना के विकास” को बढािा देने के वलए एक कदम है।
C.7. भारत में बावलकाओं की वशक्षा को बढािा देने के वलए वडवजटल जेंडर एटलस
(Digital Gender Atlas for Advancing Girl’s Education In India)
ईद्देश्य
ऄपेवक्षतलाभाथी
मुख्य विशेषताएं
विवशष्ट लैंवगक वशक्षा संकेतकों के अधार पर विशेषकर ऄनुसूवचत जावत, ऄनुसूवचत जनजावत और मुवस्लम ऄर्लपसंख्यकों जैसे हावशए पर वस्थत समूहों की बावलकाओं के संदभव में वनम्नस्तरीय प्रदशवन करने िाले भौगोवलक क्षेत्रों की पहचान करने में सहायता करना।
िंवचत समूहों की बावलकायें और विकलांग बावलकायें।
 लैंवगक एटलस के मुख्य घटक हैं:
(i) कंपोवजट जेंडर रैंककग
(ii)वलग अधाररत संकेतकों की प्रिृवत्तयों का विश्लेषण (trend analysis)
(iii) शैवक्षक संकेतकों से संबंवधत सुभेद्यताएं
 यह एटलस MoHRD की िेबसाआट पर ऄपलोड की गइ है। राज्य/वजला/ प्रखंड--वशक्षा प्रशासकों या रुवच रखने िाले ऄन्तय लोगों द्वारा आसका ईपयोग ककया जा सकता है।
 यह एटलस विवभन्न समय ऄिवधयों में ऄलग--ऄलग वलग संबंधी मापदंडों के वनष्पादन प्रिृवत्तयों का विश्लेषण करना और ईनका वनरीक्षण करना संभि बनाती है।
 आसे UNICEF के सहयोग से विकवसत ककया गया है। C.8. राष् रीय माध् यवमक वशक्षा ऄवभयान (RMSA)
[Rashtriya Madhyamik Shiksha Abhiyan (RMSA)] ईद्देश्य ऄपेवक्षत लाभाथी मुख्य विशेषताएं माध्यवमक वशक्षा तक पहुंच में िृवि करना तथा आसकी गुणित्ता में सुधार करना। आस ईद्देश्य की पूर्शत हेतु सभी माध्यवमक विद्यालयों को वनधावररत मानदंडों के ऄनुरूप बनाना, लैंवगक, सामावजक--अर्शथक और विकलांगता संबंधी बाधाएं दूर करना तथा माध्यवमक स्तर की वशक्षा तक सािवभौवमक पहुंच अकद लक्ष्यों को पूरा करना। माध्यवमक स्तर पर छात्र और विद्यालय  आस योजना के तहत प्रदान की गइ मह्िपूणव भौवतक सुविधाएं हैं: ऄवतररि क्लास रूम, प्रयोगशालाएं, शौचालय खंड, दूरस्थ क्षेत्रों में वशक्षकों के वलए अिासीय होस्टल अकद।  आस योजना से संबंवधत ककये जाने िाले मह्िपूणव प्रयासों में शावमल है: (छात्र:वशक्षक ऄनुपात) PTR 30:1 तक कम करने के वलए ऄवतररि वशक्षकों की वनयुवि; विज्ञान, गवणत और ऄंग्रेजी की वशक्षा तथा वशक्षकों के प्रवशक्षण अकद पर ध्यान केंकद्रत करना।  आस योजना के ऄंतगवत मह्िपूणव समता मूलक प्रयास हैं: ईन्नयन के वलए अ म विद्यालयों को प्राथवमकता, विद्यालय खोलने के वलए ऄनुसूवचत जावत / ऄनुसूवचत जनजावत / ऄर्लपसंख्यकों के संकेंद्रण िाले क्षेत्रों को प्राथवमकता अकद।
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C.9. वित्तीय साक्षरता ऄवभयान
(Vittiya Saksharata Abhiyan) ईद्देश्य
ऄपेवक्षत लाभाथी मुख्य विशेषताएं सभी लोगों को धन के हस्तांतरण के वलए वडवजटल रूप से सक्षम कैशलेस आकॉनोवमक वसस्टम का ईपयोग करने के वलए प्रो्सावहत करना, जागरूकता पैदा करना तथा प्रेररत करना।
भारत के नागररक क्योंकक:
 आससे शैडो आकॉनोमी को सीवमत करना तथा मनी लॉवन्तिंग की रोकथाम करना संभि होगा।
 यह वडवजटल कॉमसव को सुसाध्य बनाता है
 ऄथवव्यिस्था को बढािा देता है।  आसमें कैशलेस आकॉनोमी पर बल कदया गया है और ईच्च वशक्षण संस्थानों की फैकर्लटी से ऄपने पररसर को कैशलेस बनाने की ऄपील की गयी है ।  NCC / NSS के स्ियंसेिक वनकटतम बाजार में दुकानदारों, विक्रेताओं में लेनदेन के आन वडवजटल तरीकों के संबंध में जागरूकता फैलाएंगे।
वडजीशाला चैनल -- लोगों को वडवजटल भुगतान के विवभन्न तरीकों के संबंध में वशवक्षत करने और सूवचत करने के वलए वन:शुर्लक दूरदशवन DTH चैनल। आसके फलस्िरूप ग्रामीण क्षेत्र वडवजटल रूप से साक्षर और कैशलेस आकॉनोमी के वलए तैयार होंगे। C.10. ईडान – वगविग विग्स टू गर्लसव
(UDAAN-Giving Wings To Girls) ईद्देश्य
ऄपेवक्षत लाभाथी मुख्य विशेषताएं  ऄनुसूवचत जावत/ऄनुसूवचत जनजावत और ऄर्लपसंख्यक िगव की िंवचत छात्राओं और ऄन्तय विद्यार्शथयों को विद्यालयी वशक्षा के ईपरांत व्यािसावयक वशक्षा, विशेषकर विज्ञान और गवणत की वशक्षा प्राप्त करने हेतु सक्षम बनाना।  आंजीवनयटरग कॉलेजों में बावलकाओं के कम नामांकन की समस्या का समाधान करना। दृष्टव्य है कक ितवमान में आन संस्थानों में जहां बालकों का नामांकन ऄनुपात 77% है, िहीं बावलकाओं का नामांकन ऄनुपात 23% हैं।  आसका ईद्देश्य तीन अयामों -- पाठ्यक्रम वडजाआन, कायविाही और मूर्लयांकन पर ध्यान केंकद्रत करके विद्यालयी वशक्षा और आंजीवनयटरग वशक्षा प्रिेश प्रणाली के बीच गुणित्ता ऄंतराल को कम करना है।
 ईच्च माध्यवमक स्तर पर विद्यालय जाने िाली बावलकाएं
 सामान्तयत: आंजीवनयटरग क्षेत्र, जो आसके पररणामस्िरूप लैंवगक रूप से ऄवधक संिेदनशील होगा। ये ईद्देश्य ईच्च माध्यवमक स्तर पर विज्ञान और गवणत के ऄध्यापन और ऄवधगम को पूरक प्रयासों द्वारा समृि बनाकर प्राप्त ककये जायेंगे। CBSE विशेष प्रो्साहन के साथ सभी विद्यार्शथयों को वन:शुर्लक एिं ऑनलाआन संसाधन प्रदान करेगा तथा प्रवत िषव िंवचत िगव की एक हजार चयवनत बावलकाओं को सहायता प्रदान करेगा।
C.11. ईन्नत भारत
(Unnat Bharat)
ईद्देश्य
ऄपेवक्षत लाभाथी
मुख्य विशेषताएं
 ग्रामीण भारत की अिश्यकताओं से संबंवधत ऄनुसंधान एिं प्रवशक्षण हेतु ईच्च वशक्षा संस्थानों में संस्थागत क्षमता (institutional capacity) का वनमावण करना।
गाँि और ईनकी अबादी
 ईपयुि प्रौद्योवगककयों द्वारा विकास की चुनौवतयों का समाधान करने हेतु IITs, NIITs, आंवडयन आंस्टीट्यूट ऑफ साआंस एजुकेशन एंड ररसचव (IISERs) आ्याकद सवहत ऄन्तय ईच्च वशक्षा संस्थानों को स्थानीय समुदायों से सम्पबि करना।
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C.12. ऄन्त य योजनाएं
(Other Schemes) ईद्देश्य ऄपेवक्षत लाभाथी मुख्य विशेषताएं शगुन (शाला + गुणित्ता ) वनरंतर वनगरानी द्वारा भारत के प्राथवमक वशक्षा क्षेत्र में निाचारों और प्रगवत के ऄिसर सृवजत करना और ईनका वनष्पादन करना ।  सिव वशक्षा ऄवभयान के वलए समर्शपत िेब पोटवल 'शगुन'।  ‘शाला’ का ऄथव विद्यालय और 'गुणित्ता' का ऄथव ई्कृष्टता से है। सारांश विद्यालयों को छात्रों, वशक्षकों और पाठ्यक्रम में सुधार के क्षेत्रों की पहचान करने की ऄनुमवत देना।  CBSE से संबि विद्यालयों और माता--वपता के वलए स्ि--समीक्षा और विश्लेषण।  माता--वपता के साथ संिाद: सभी वनष्पादन मेररक्स का संख्याओं के साथ ही चाटव / ग्राफ के माध्यम से प्रदशवन ककया जाता हैं – आससे विद्यालयों को ऄन्तय विद्यालयों के साथ ऄपने प्रदशवन की तुलना करने में सहायता वमलती है। इशान विकास कुछ प्रमुख संस्थानों में आंटनववशप हेतु पूिोत्तर के आंजीवनयटरग कॉलेज के छात्रों का चयन करना।  प्रमुख संस्थानों में विद्यार्शथयों को ेि प्रदशवन करने का ऄिसर प्रदान करता है -- जैसे [IIT, राष्ट्रीय प्रौद्योवगकी संस्थान (NIIT) और आंवडयन आंवस्टट्यूट ऑण साआंस एजुकेशन एंड ररसचव (IISER)] इशान ईदय पूिोत्तर क्षेत्र के वलए दस हजार नइ छात्रिृवत्तयां।  वचकक्सा और पैरा मेवडकल पाठ्यक्रमों सवहत सामान्तय वडग्री पाठ्यक्रमों, तकनीकी और व्यािसावयक पाठ्यक्रमों में ऄध्ययन हेतु छात्रिृवत्त प्रदान की जाती है। ASMITA (ऑल स्कूल मॉवनटटरग आंवडविजुऄल रेवसग एनावलवसस) 15 लाख वनजी और सरकारी विद्यालयों में कक्षा 1 से 12िीं तक के लगभग 25 करोड छात्रों की शैक्षवणक यात्रा पर दृवष्ट रखना।  शाला ऄवस्मता योजना (SAY) के ऄंतगवत आसका शुभारंभ ककया गया।  ASMITA ऐसा ऑनलाआन डेटाबेस होगा वजसमें ऄन्तय बातों के साथ--साथ छात्रों की ईपवस्थवत और नामांकन, लर्मनग परफॉरमेंस, मध्याह्न भोजन सेिा और ऄिसंरचना सुविधाओं के संबंध में जानकारी शावमल होगी।  छात्रों को ईनकी अधार संख्या के माध्यम से रैक ककया जाएगा। स्ियं मूक (SWAYAM MOOC) ऐसे छात्रों के वलए वडवजटल ऄंतराल को समाप्त करना जो ऄभी तक वडवजटल क्रांवत से ऄछूते रहे हैं और ज्ञान ऄथवव्यिस्था (नॉलेज आकॉनोमी) की मुख्य धारा में सवम्पमवलत नहीं हो पाए हैं।  स्िदेशी रूप से विकवसत IT ्लेटफामव वजसके द्वारा ककसी भी समय, कहीं भी, ककसी भी व्यवि को 9िीं कक्षा से लेकर स्नातकोत्तर तक पढाए जाने िाले सभी पाठ्यक्रमों तक एक्सेस प्रदान की जाती है।

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